पानी के सक्ती पानी – कांतिकार्तिक | PANI KE SAKTI PANI WO DAI LYRICS | CG BHAJAN LYRICS

पानी के सक्ती पानी 

| PANI KE SAKTI PANI WO DAI LYRICS |

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  • गीत – पानी के सक्ती पानी
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – तीरथ यादव
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी भजन
  • लेबल – कोक क्रिएशन

स्थायी
पानी के शक्ति पानी वो दाई
गंगा तोर जुबानी हे
पानी के शक्ति पानी वो दाई
गंगा तोर जुबानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए
लिख दिस भोला कहानी हे

पानी के शक्ति पानी वो दाई
गंगा तोर जुबानी हे
पानी के शक्ति पानी वो दाई
गंगा तोर जुबानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए
लिख दिस भोला कहानी हे

अंतरा 1
वामन देव हा राजा बली ले मांगत हे वरदान
तीन पांच के जगह मोला देदे धरती म होबे महान
वामन देव हा राजा बली ले मांगत हे वरदान
तीन पांच के जगह मोला देदे धरती म होबे महान

बली हाथ म पानी ला धर के परन करे वो ज्ञानी हे
बली हाथ म पानी ला धर के परन करे वो ज्ञानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए
लिख दिस भोला कहानी हे

अंतरा 2
एक गोड़ हर सरग ल नापै ब्रम्ह लोक तक जाए
दुसर ला ब्रम्हा चिन्ह डारिस हे भाग अपन सहुराए
एक गोड़ हर सरग ल नापै ब्रम्ह लोक तक जाए
दुसर ला ब्रम्हा चिन्ह डारिस हे भाग अपन सहुराए

लीला अईसे खेले भवानी गंगा निर्मल पानी हे
लीला अईसे खेले भवानी गंगा निर्मल पानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए
लिख दिस भोला कहानी हे

अंतरा 3
विष्णु चरण के वो पानी हा दुनिया म गंगा कहाए
जेला महादेव मुड़ म झोकिस एकठन धार बोहाए
विष्णु चरण के वो पानी हा दुनिया म गंगा कहाए
जेला महादेव मुड़ म झोकिस एकठन धार बोहाए

देवता खोजत आए सरी ला भेद मरमल जानी हे
देवता खोजत आए सरी ला भेद मरमल जानी हे

अंतरा 4
एक गंगा द्वापर में कन्हैया गोड़ ले अपन बोहाए
रास रचे के समय म गोपी मन के प्यास बुताए
एक गंगा द्वापर में कन्हैया गोड़ ले अपन बोहाए
रास रचे के समय म गोपी मन के प्यास बुताए

कांति तीरथ कहां तक गाए कतका ताम गिनानी हे
कांति तीरथ कहां तक गाए कतका ताम गिनानी हे

पानी के शक्ति पानी वो दाई गंगा तोर जुबानी हे
पानी के शक्ति पानी वो दाई गंगा तोर जुबानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए लिख दिस भोला कहानी हे
भागीरथी के तपस्या ले आए लिख दिस भोला कहानी हे

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