जंवारा लहराए
Jawara Laharaye Lyrics
Kantikartik Yadav Jas Geet
- गीत – जंवारा लहराए
- स्वर – कांतिकार्तिक यादव
- गीतकार – कांतिकार्तिक यादव
- संगीत – ओपी देवांगन
- प्रकार – छत्तीसगढ़ी जस गीत
- जोत जंवारा विसर्जन गीत
- लेबल – कोक क्रिएशन
स्थायी
जंवारा लहराए
मन रोवै तन सिसके आंखी मोर भर आए
जंवारा लहराए
मन रोवै तन सिसके आंखी मोर भर आए
जग जोत जंवारा मैया वो
हावै तोर सहारा दाई वो
जग जोत जंवारा तोर सहारा
नैना नही थिराए
अंतरा 1
तोर अचरा के छांव परे बर घर म भुवन सजाए हंव
जोती रूप म साधेव तोला तोर आशीष ला पाए हंव
मैं बिरवा दाई तोर जगत के किरपा ले तोर हरियाए हंव
सरधा भाव ले करेंव सेवा तोर जस पचरा ला गाए हंव
तैं किरपा करे दाई वो
दुख पीरा हरे माई वो
तैं किरपा करें दुख पीरा हरे
मोर भगती के मान बढ़ाए
अंतरा 2
जोत बरत हे रिगबिग सिगबिग लहरावत हे जंवारा हा
किरपा ले सेउक बाना नचावै बहत हे भगती के धारा हा
सगरी नहावन बेला पावन माया अगम अपार हे मां
बिन बुध हावै कांतिकार्तिक जिनगी ला तिही संवार दे मां
बीते नव दिन हा दाई वो
रोवै छिन छिन मैं माई वो
बीते नव दिन रोवै छिन छिन ये बिदा के आए
जग जोत जंवारा मैया वो
हावै तोर सहारा दाई वो
जग जोत जंवारा तोर सहारा
नैना नही थिराए