माटी मा रूप धर के दाई Mati Ma Rup Dhar Ke Lyrics – Dukalu Yadav Jas Geet

माटी मा रूप धर के दाई – दुकालू यादव 
🌺Mati ma Rup Dhar ke lyrics🌺
🌷Dukalu Yadav Jas Geet🌷
 
  • गीत : माटी मा रूप धर के दाई 
  • गायक : दुकालू यादव
  • गीतकार : दुकालू  
  • संगीतकार : दुकालू यादव
  • लेबल : केके कैसेट

 

 
स्थायी
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे
 
हो अईसे लागे जइसे सउहत 
 
अईसे लागे जइसे सउहत 
 
माटी म जीव पर गे
 
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे


 
अंतरा 1
माटी के ढेला माटी के चोला 
 
माटी म टिके संसार हे
 
माटी हमर महतारी संगी 
 
माटी के महिमा अपार हे
 
माटी के महिमा अपार हे
 
यहो माटी के दुर्गा माटी के बघवा
 
यहो माटी के दुर्गा माटी के बघवा
 
महिसा संवरगे
 
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे


 
अंतरा 2
इही माटी म रामचन्द्र अऊ 
 
किसन लिस हे अवतार गा
 
किसन लिस हे अवतार गा
 
राधा सीता मीरा बाई 
 
माटी के पाये दुलार गा
 
माटी के पाये दुलार गा
 
माटी के पुतरा माटी के पुतरा 
 
माटी के पुतरा माटी के पुतरा 
 
माटी म सबे बसगे
 
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे


 
अंतरा 3
माटी हे सरबस माटी बर अरपन 
 
माटी के सेवा ला करबो
 
माटी के सेवा ला करबो
 
माटी के दुर्गा ल पूजन कर के
 
दुख पीरा ला हरबो
 
दुख पीरा ला हरबो
 
यहो इही माटी मा प्रेम अजय अऊ
 
यहो इही माटी मा प्रेम अजय अऊ
 
कतको गुरू तर गे
 
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे
 
हो अइसे लागे जइसे सउहत 
 
माटी म जीव पर गे
 
माटी म रूप धर के दाई नव दुर्गा आगे
 


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