डोंगरी करेला म दाई – कांतिकार्तिक | DONGRI KARELA MA DAI LYRICS

डोंगरी करेला म दाई
DONGRI KARELA MA DAI LYRICS
JAS GEET LYRICS


 

  • गीत – डोंगरी करेला म दाई 
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – परमानंद कठोलिया
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी भक्ति गीत
  • लेबल – कोक क्रिएशन


 

स्थायी

डोंगरी करेला म दाई बिराजे ज्योति बरै रूख छंईहा म

डोंगरी करेला म दाई बिराजे ज्योति बरै रूख छंईहा म

खैरागढ़ डोंगरगढ़ मईया 

खैरागढ़ डोंगरगढ़ मईया 

नांदगांव तीनसईया म

 

अंतरा 1

बछर अढ़ई सौ पहिली कैना रूप धरे माँ भवानी

तन भर मईया के माता छवाए चईत महिना माता रानी

छक छक ले गोरी नारी चंदा अस वो बरे बानी

स्वेत चुनर अउ स्वेत हे चोली गरमी म खोजत पानी

करेला गांव म कैना आए 

करेला गांव म कैना आए 

भोंभरा जरे माँ के पईया म

 

अंतरा 2

मान सिंग कवर घर आगे कैना रूप म मईया 

देख के माता ल गदगद होगे परे दाई के पईया

मईया जोरा बर उमेंद भीड़गे आलोप होगे मईया

देवी भगत मन पाछू पाछू देखत जाए छंईया

दू फांकी जंगल चिरागे

दू फांकी जंगल चिरागे

रद्दा बनगे भुईया म

 

अंतरा 3

आघू आघू डोंगरी चघे माता पाछु पाछु आए भगत

ठुड़गा रूख म माता समागे डारा पाना छाए भगत

मानसिंग सपना सपनाए माता के बघवा गरजत

बघवा उपर माता बिराजे जगमग जगमग ज्योति बरत

जा के देखे उमेंद सिंग हर 

जा के देखे उमेंद सिंग हर 

ज्योति सउहत छंईहा म

 

अंतरा 4

माता के आसन ला बनाए उमेंद सिंग कंवर भाई

देवी भगत मन बोए जंवारा जगमग ज्योत जलाई

बड़ फूर मानुक माता भवानी बदना बदले भाई

भूले बिरसे जिनिस हा मिलथे करथे सदा सहाई

परमानंद कठोलिया ला तारे

कांतिकार्तिक चरण पखारे

गंगा जल तोर पईया म

 

खैरागढ़ डोंगरगढ़ मईया 

खैरागढ़ डोंगरगढ़ मईया 

नांदगांव तीनसईया म

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