तोर भक्ति के – कांतिकार्तिक | TOR BHAKTI KE LYRICS | CG HANUMAN BHAJAN LYRICS

 तोर भक्ति के
TOR BHAKTI KE LYRICS
CG HANUMAN BHAJAN LYRICS 
  • गीत – तोर भक्ति के
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – हर्ष कुमार ‘बिन्दु’
  • संगीतकार – ओपी देवांगन
  • प्रकार – हनुमान भजन
  • लेबल – 360India

 

बोलो बजरंगबली की 

जय

स्थायी

तोर भक्ति के तोर शक्ति के 

कोनहो पाए ना पार हे बजरंगबली

तोर भक्ति के तोर शक्ति के 

कोनहो पाए ना पार हे बजरंगबली

 

बजरंगबली बजरंगबली

बजरंगबली बजरंगबली

 

अंतरा 1

महाबली रावन हा माता सीता ला हर ले जाए

कईसे हे माता कहां हे माता कईसे पता लगाए

बड़े बड़े योद्धा हार मानगे कखरो समझ नई आए

जामवंत हा हनुमान ला बल के सुरता कराए

 

जातै उड़के जागे सुन के

जातै उड़के जागे सुन के

सागर ला करथे पार हे बजरंगबली

 

अंतरा 2

देखे बजरंगी माता सीता हर मांग सिंदूर लगाए

सिंदूर काबर लगाए तैं माता पुछे पवन हरसाए

मोर स्वामी के उमर बाढ़ही सीता कपि ला बताए

हनुमत सुन के तन भर अपर सिंदूर गजब लगाए

 

मोर स्वामी के धनुर्धारी के

मोर स्वामी के धनुर्धारी के

बढ़ जाही उमर अपार हे बजरंगबली

 

अंतरा 3

चुटकी मैंहा बजावत जाहूं प्रभु ला जमहाई आए

भूख प्यास नींदीया कपि त्यागे सरलग चुटकी बजाए

तीनो भाई अउ जानकी माता के चाल काम नई आए

कपि सेवा के ढंग गजब कांतिकार्तिक ला भाए

सुग्घर भजन तोर गाए सेउक मन 

सुग्घर भजन तोर गाए

 

कपि चुटकी के कपि जुगती के

कपि चुटकी के कपि जुगती के

बिन्दु समझगे सार हे बजरंगबली

 

बजरंगबली बजरंगबली

बजरंगबली बजरंगबली

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