जय हो जगन्नाथ स्वामी- कांतिकार्तिक | RATH MA HOKE SAWAR CHALAT HE LYRICS

जय हो जगन्नाथ स्वामी

CG BHAJAN LYRICS

RATH MA HOKE SAWAR CHALAT HE LYRICS

  • गीत – जय हो जगन्नाथ स्वामी
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – कांतिकार्तिक यादव
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी भजन
  • लेबल – कोक क्रिएशन

स्थायी
रथ म होके सवार चलत हे जगत के पालनहार
रथ म होके सवार चलत हे जगत के पालनहार
बलदाउ संग बहिनी सुभद्रा
बलदाउ संग बहिनी सुभद्रा ला पुजत हे संसार

अंतरा 1
उतकल जननी के कोरा म लीला अपन देखाए
भगतन के दुख पीरा हरे बर धरा धाम म आए
समुन्दर के शीतल लहरा चरण ला तोर धोवाए
चंदा सुरूज तोला माथ नवाए धरम ध्वाजा लहराए
जग हे अनाथ बीना तोर नाथ
जग हे अनाथ बीना तोर नाथ
बहत हे किरपा के धार

अंतरा 2
प्रेम भगती के भोग लगत हे स्वामी तोर भुवन म
गुंजत हे जयकारा तोरे धरा पाताल गगन म
माटी के तन रथ बन जातिस रहि तै प्रभु मोर मन म
भगती म जीवन तर जातिस राखबे अपन चरण म
उत्सव हे उल्लास के भगवन
भगती अउ विश्वास के भगवन
छाए आनंद अपार

बलदाउ संग बहिनी सुभद्रा
बलदाउ संग बहिनी सुभद्रा ला पुजत हे संसार
रथ म होके सवार चलत हे जगत के पालनहार
रथ म होके सवार चलत हे जगत के पालनहार
जय हो जय हो जगन्नाथ
जय हो जय हो जगन्नाथ
जय हो जय हो जगन्नाथ
जय हो जय हो जगन्नाथ

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