अपने हाथ मुड़ ला काटे Apne Hath Mud La Kate Lyrics | पुराना जस गीत लिरिक्स | माँ छिन्नमस्ता कहानी

 अपने हाथ मुड़ ला काटे – दुकालू यादव 
Apne Hath Mud La Kate Lyrics
🌻 पुराना जस गीत 🌻

 

    • गीत : अपने हाथ मुड़ ला काटे
    • गायक : दुकालू यादव
    • गीतकार : कल्लुदास, दुकालू यादव
    • संगीतकार : दुकालू यादव

 

स्थायी 
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

हो अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

हो उही दिन ले माता तै हर हो

 

उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता ओ कहाये

 

अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

 

 

अंतरा 1

 

यहो दस विद्या मे महाविद्या तै पांचवा रूप गनाये
काली तारा बगलामुखी ले उचहा मान ला पाये
यहो जोगी जती बैगा गुनिया मन तोरे ध्यान लगाये
अधरतिया मंतर ला जप के कारज सिद्ध बनाये
यहो सरस्वती ला बस में कर के हो
सरस्वती ला बस में कर के तोरे गुण ला गाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

 

 

अंतरा 2

 

यहो तोर उत्पन्न कहनी के बिचित्तर शास्तर भीतर लिखाये
जय विजया ला संग में लेके भगवती तै अघवाये
यहो मंदाकनी के जल मे नहा के जब तै हर बहिराये
भुख लगिस तब तोला भवानी जीव तोर करलाये
यहो नीलबरन तोर होगे तन हा हो
नीलबरत तोर होगे तन हा नारी रूप ला पाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

 

 

अंतरा 3

 

यहो जय विजया अउ विद्या दुनो झन रहिस हे भारी भूखाये
जेवन देतेव हमला कहिके भगवती ला गोहराये
यहो रहिजा थोरकिच बोले उमा हा दुनो ला थीर बंधाये
जया विजया दुनो भूख के मारे रहिन दुनो खखुवाये
यहो समय देख के भगवती ला फेर हो
समय देख के भगवती ला फेर जय विजया गोहराये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

 

 

अंतरा 4

 

यहो जेवत दौ जेवन खाये बर भूख हा भारी खराये
धीर बंधा भगवती दुनो ला थोरकिच ठहरो चेताये
यहो जया विजया के भूख हा बाढे़ समय सही नही जाये
दुनो झन माते श्री ले मीठ वचन गोठियाये
यहो हाथ जोड़ के करनी हे अरजी हो
हाथ जोड़ के करनी हे अरजी धरम के बात जनाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

 

 

अंतरा 5

 

यहो बालक हर जब भूख में रोथे माता थन ला धराये
बेटा के तब तिसना बुताये अईसे दुनो गोठियाये
यहो जया विजया के गोठ ला सुन के भगवती खाड़ा उचाये
अपने हाथ मे अपने मुड़ ला काट के तुरते उड़ाये
यहो देख चरित्तर अईसे किसम के हो
देख चरित्तर अईसे किसम के जया विजया बक्कखाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
दाई ओ दाई ओ दाई ओ
दाई ओ दाई ओ दाई ओ

 

 

 

अंतरा 6

 

यहो धड़ ले काट के मुड़ हे उड़ाये उपर डहर फेकाये
देवी हाथ में देवी के आगे मुड़ हर शोभा पाये
यहो तीन धार फेर देवी गर ले रकत हा हावै बोहावै
एक धार ला रकत ला पी के जया हर सुखी मनाये
यहो दुसर धार ला पी के विजया हो
दुसर धार ला पी के विजया भूख ला अपन मेटाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

अंतरा 7

 

यहो तीसर धार ला सउहे भवानी कटे मुड़ ला हे पियाये

 

अपने लहु ला अपने पी के जिवरा अपन जुड़ाये
यहो अईसे किसम के तइहा समय में भगवती रचना रचाये
उही कथा ला कल्लुदास हर पचरा में गा के सुनाये
यहो शारदा मंडली तोर दया ले हो
शारदा मंडली तोर दया ले धरम ध्वजा फहिराये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये
हा उही दिन ले माता तै हर
उही दिन ले माता तै हा छिन्नमस्ता तै कहाये
अपने हाथ मुड़ ला काटे तभे जस छाये

 

Leave a comment

x
error: Content is protected !!