अइसे लगन मोहना के लागे – कांतिकार्तिक | AISE LAGAN MOHNA KE LAGE LYRICS | GOPESHWAR MAHADEV KATHA LYRICS

💕 अइसे लगन मोहना के 💕
🌹 AISE LAGAN MOHNA KE LAGE LYRICS🌹
🎵 GOPESHWAR MAHADEV KATHA LYRICS 🎵

 

  • गीत – अइसे लगन मोहना के
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – कांतिकार्तिक यादव
  • संगीत – ओ पी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी भजन
  • लेबल – कोक क्रिएशन

स्थायी
अईसे लगन मोहना के लागे
अईसे लगन मोहना के लागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

अईसे लगन मोहना के लागे
अईसे लगन मोहना के लागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

महारास म भगती के मरम ला पागे
महारास म भगती के मरम ला पागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

अंतरा 1
धान ले उचट के संतो राम के पुजारी
योगी राज महाराज शंभु त्रिपुरारी
छोड़ के कैलाश जमुना तीर गंगा धारी
विन देवी शर्त रखे जाही केवल नारी
लकर धकर करें संवागा तुरते भागे
लकर धकर करें संवागा तुरते भागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

अंतरा 2
महारास म भोला झूमें कान्हा संग म
सुध बुध बिसरागे महारास के उमंग म
भूलै अपन ढंग ला जी संगी खुशी के तरंग म
गदके सबो रंग छोड़ रंग गे श्याम रंग म
रसिया के भगती ले नवा रस पागे
रसिया के भगती ले नवा रस पागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

अंतरा 3
नाचत नाचत सुध खोगे तांडव नाचन लागे
चुनरी थोकिन सरक गे नारी नोहे जनागे
अचरज म गोपी मन हा एक दुसर ला ताके
चिन्ह डारिस मोहना हा प्रेम भगती जागे
बंसी वट म बस जातेंव रटन शिव लागे
बंसी वट म बस जातेंव रटन शिव लागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

अंतरा 4
जम्मो खड़े अचरज म कान्हा मुसकाए
शिव भोला रास द्वार पाल पद ला पाए
गोपी शिवानी गोपेश्वर कहाए
बंसी वट जमुना तट ब्रज कुंज भाए
कांतिकार्तिक गोपी भाव ला पागे
कांतिकार्तिक कथा के रस म मोहागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

महारास म भगती के मरम ला पागे
महारास म भगती के मरम ला पागे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे
बन के गोपी महादेव धरा म आगे

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