Sat Ke Khambha Ma Sat Ke Jhanda Lyrics
❇️Panthi Geet Lyrics❇️
- गीत – सत के खंभा म सत के झंडा
- स्वर – आरू साहू
- गीतकार – दास मनोहर
- संगीतकार – विवेक शर्मा
- लेबल – क्रिएटिव विज़न
स्थायी
सत के खंभा म सत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
सत के खंभा म सत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
श्वेत के खंभा म श्वेत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
श्वेत के खंभा म श्वेत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
तोर महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
अंतरा 1
दया के सागर गुरू हावस तैं दयालु
तोर कर नई हे कोनो दूसर मयारू
दया के सागर गुरू हावस तैं दयालु
तोर कर नई हे कोनो दूसर मयारू
दुखिया के दुख ला हरे खाली झोली ल भरे
दुखिया के दुख ला हरे खाली झोली ल भरे
ऐ मोर घासी बाबा तैं हर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
अंतरा 2
मनखे मनखे ल बताए एक बरोबर
गुरू तोर बानी हे कतका सुंदर
मनखे मनखे ल बताए एक बरोबर
गुरू तोर बानी हे कतका सुंदर
गिरे हपटे अउ भटके मनखे मन ला
गिरे हपटे अउ भटके मनखे मन ला
दिखाए सत के डहर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
अंतरा 3
नानकिन लईका महूं आयेंव तोर शरण म
बिगड़ी बनादे मोरो गावव तोर भजन ला
नानकिन लईका महूं आयेंव तोर शरण म
बिगड़ी बनादे मोरो गावव तोर भजन ला
अरजी करत हौं बाबा बिनती करत हौं गुरू
अरजी करत हौं बाबा बिनती करत हौं गुरू
तोरे आशीष हे मोर ऊपर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
सत के खंभा म सत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
सत के खंभा म सत के झंडा
लहरावत हे लहर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा
गुरू नाम के निशान जुग जुग रही अमर गा
बाबा महिमा महान जुग जुग रही अमर गा