पीपर के रूख म – मिथलेश साहू, चंपा निषाद | PIPAR KE RUKH MA LYRICS | CG SONG LYRICS

 पीपर के रूख म
PIPAR KE RUKH MA LYRICS
CG SONG LYRICS
  • गीत – पीपर के रूख म
  • स्वर – मिथलेश साहू, चंपा निषाद
  • गीतकार – भूपेन्द्र साहू
  • संगीतकार – भूपेन्द्र साहू
  • लेबल – आरम्भ फिल्मस्




स्थायी

पीपर के रूख म फरेला पीकरी

पीपर के रूख म फरेला पीकरी

ये संगवरेंगी फरेला पीकरी

मन मोहनी समाए 

तैं कईसे करेजा भीतरी

मन मोहनी समाए 

तैं कईसे करेजा भीतरी

 

नवा सड़किया 

हां नवा सड़किया 

रेंगे ल मैना मोही डारे मयारू

तोरेच बैना साई लोरी घठौंदा रसेला रचारच

नई डूबे घैला रे चौदह हां बेड़ा में 

परसा झबेला में गाबो ददरिया रे दोस्त

 

अंतरा 1

नंदिया के तीर तीर कुसुम छंईहा वो

नंदिया के तीर तीर कुसुम छंईहा वो

ये पतरेंगी कुसुम छंईहा वो

नैना तोरे कजरारी वो गोरी बनाए बईहा वो

नैना तोरे कजरारी वो गोरी बनाए बईहा वो

 

तरी पतोही 

हां तरी पतोही 

उपर कुरता मनमोहना रोवाए

तोरेच सुरता साई लोरी घठौंदा रसेला रचारच

नई डूबे घैला रे चौदह हां बेड़ा में 

परसा झबेला में गाबो ददरिया रे दोस्त

 

अंतरा 2

का करि डारेंव काखर बुध में

का करि डारेंव काखर बुध में

ये मोरे हीरा काखर बुध में

अन पानी ल तियागेंव वो गोरी तोरेच सुध में

अन पानी ल तियागेंव वो गोरी तोरेच सुध में

 

पान ल खाए

हां पान ल खाए 

मुहु ल करे लाल ज्यादा मया झन करबे

हो जाही जी के काल साई लोरी घठौंदा रसेला रचारच

नई डूबे घैला रे चौदह हां बेड़ा में 

परसा झबेला में गाबो ददरिया रे दोस्त



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