मरघटहीन काली ओ Marghathin Kali O Lyrics | पुराना जस गीत

मरघटहीन काली ओ 
 Marghathin Kali O Lyrics 
  • गीत : मरघटहीन काली ओ 
  • गायक : डेविड निराला
  • लेबल : केके कैसेट

 

स्थायी 

 

मरघहीन काली ओ
मरे मुरदा ला तै जियाऐ
माता काली नई कोनो ओ
मरघहीन काली ओ
मरे मुरदा ला तै जियाऐ
माता काली नई कोनो ओ
यहो बीन वस्तर के रही के माता
बीन वस्तर के रही के माता
लफ लफ जिभिया लमाये
माता काली नई कोना जाने ओ
अंतरा 1
मरघट के सुनसान मे जा के
आसन अपन जमाये ओ
आसन अपन जमाये
मंतर जपत तै झूपन लागे
चून्दी मुड़ी छरियाऐ ओ
चून्दी मुड़ी छरियाऐ
तोर कान के बाली ओ
हाले जब मुड़ ला तै हलाये
माता काली नई कोना जाने ओ
अंतरा 2
मरघट मे बईठे काली हा
मंतर अपन सिधाये ओ
मंतर अपन सिधाये
ॐ ………………फट स्वाहा
घेरी बेरी दोहराये ओ
घेरी बेरी दोहराये
नई जावै खाली ओ
मंतर म मुरदा तै जियाऐ
माता काली नई कोनो जाने ओ
अंतरा 3
साधन पूरा होगे जब तोर जब
मुरदा सवारी लगाये ओ
मुरदा सवारी लगाये
मुरदा सवारी कस के किंजरे
कल कल तै कलकलाये ओ
कल कल तै कलाये
तै चिखाड़ा वाली ओ
अंग हा तोर निच्चट करियाऐ
माता काली नई कोनो जाने ओ
अंतरा 4
दुनिया मुरदा मे शक्ति हावै
ऐही भाव ला देखाऐ ओ
ऐही भाव ला देखाऐ
दस विद्या में नाव हे सुंदर
तंत्र विद्या में लिखाऐ ओ
तंत्र विद्या में लिखाऐ
देदे के ताली ओ
गुण ला निराला तोरे गाये
माता काली नई कोना जाने ओ
यहो बीन वस्तर के रही के माता
बीन वस्तर के रही के माता
लफ लफ जिभिया लमाये
माता काली नई कोना जाने ओ
मरघहीन काली ओ
मरे मुरदा ला तै जियाऐ
माता काली नई कोनो ओ

 

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