कुकरा बासत आगे – चंपा निषाद | Kukra Basat Aage Saga Pahuna Lyrics | Champa Nishad | Suwa Geet Lyrics

🌺कुकरा बासत आगे सगा पहुँना🌺
🌻Kukra Basat Aage Lyrics🌻
🌷Champa Nishad Suwa Geet🌷
  • गीत : कुकरा बासत आगे
  • गायिका : चंपा निषाद
  • गीतकार : शुक्कु बारीक
  • संगीतकार : विवेक शर्मा
  • लेबल : Creative Vision

स्थायी

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना



अंतरा 1

को मोर लागे सुवा का तोरे लागे वो

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

कोना तोला दुआ दीही कोन तोना साधे वो

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना



अंतरा 2

सास मोर लागे सुवा ससुर तोरे लागे वो

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

जेठ मोला दुआ दीही जेठानी हा साधे वो

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना



अंतरा 3

देवर मोरे लागे सुवा देरानी तोरे लागे वो

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

भौजी दुआ दीही मोला ननंद मोला साधे वो

तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना

हा तरी हरी ना मोरे नाहानारे सुवाना

कुकरा बासत आगे सगा पहूंना


 

 

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