बिना रंग के जिनगी बेकार हे BINA RANG KE JINGI BEKAR HE LYRICS  – DUKALU YADAV

 बिना रंग के जिनगी बेकार हे
BINA RANG KE JINGI BEKAR HE LYRICS
दुकालू यादव होली गीत
  • गीत – बिना रंग के जिनगी बेकार हे
  • स्वर – दुकालू यादव
  • गीतकार – दुकालू यादव
  • संगीतकार – दुकालू यादव
  • छत्तीसगढ़ी होली गीत
  • लेबल – सुन्दरानी

 

स्थायी

बिना रंग के जिनगी बेकार हे

बिना रंग के जिनगी बेकार हे

रंग ले रंगवाले तैं गोरी होरी म गोरी वो

रंग ले रंगवाले तैं गोरी होरी म गोरी वो

एके दिन के फागुन तिहार हे

एके दिन के फागुन तिहार हे

 

अंतरा 1

लाल रंग गुलाब के मया रंग होथे

पिवरा रंग गोंदा के अबड़ शोभा देथे

लाल रंग गुलाब के मया रंग होथे

पिवरा रंग गोंदा के अबड़ शोभा देथे

 

हरियर रंग म सम्भरे भुईया गोरी वो

हरियर रंग म सम्भरे भुईया गोरी वो

दुल्हिन कस करे वो सिंगार हे

दुल्हिन कस करे वो सिंगार हे


 

अंतरा 2

चंदा चंदैनी सुरूज रंग म बमकत हे

गुरू अपन चेला ला रंग म रंगत हे

चंदा चंदैनी सुरूज रंग म बमकत हे

गुरू अपन चेला ला रंग म रंगत हे

 

साधु संग केसरिया रंग रंगाए गोरी वो

साधु संग केसरिया रंग रंगाए गोरी वो

देवता सब रंगाए फूल हार हे

देवता सब रंगाए फूल हार हे


 

अंतरा 3

जीव जिनिस जतका झन धरती म जनमथे

सुख दुख के रंग म सबो ला रंगे ल परथे

जीव जिनिस जतका झन धरती म जनमथे

सुख दुख के रंग म सबो ला रंगे ल परथे

 

दुनिया भर में प्रेम रंग चलत हे गोरी वो

दुनिया भर में प्रेम रंग चलत हे गोरी वो

कोसरिया कईथे इही सार हे

कोसरिया कईथे इही सार हे

 

रंग ले रंगवाले गोरी होरी म गोरी वो

रंग ले रंगवाले गोरी होरी म गोरी वो

एके दिन के फागुन तिहार हे

एके दिन के फागुन तिहार हे

 

बिना रंग के जिनगी बेकार हे

बिना रंग के जिनगी बेकार हे

Leave a comment

x
error: Content is protected !!