बईठे हावस तरिया के पार baithe hawas tariya ke paar lyrics – Dukalu yadav Jas geet lyrics

बईठे हावस तरिया के पार 
baithe hawas tariya ke paar lyrics
🌷Jas geet lyrics🌷
  • गीत : बईठे हावस तरिया के पार
  • गायक : दुकालू यादव
  • गीतकार : जाहिर अंसारी
  • संगीतकार : रामकुमार साहू
  • लेबल : केके कैसेट

 

 

स्थायी

 

बईठे हावस तरिया के पार ओ मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
बईठे हावस तरिया के पार ओ मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
हो साज के सोला ओ सिंगार
साज के सोला ओ सिंगार
हो साज के सोला ओ सिंगार
साज के सोला ओ सिंगार
बईठे हावस तरिया के पार ओ मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार


अंतरा 1
लाली के लुगरा चमक किनारी
सोन किरन कस सोहे
हो लकलक लकलक चांदी फूले हे
जगर बगर तोर मोहे
अचरा सुरूज उजियार हो मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
अंतरा 2
माथ के टिकली जोगनी बरत हे
चकमक भौ सम्भरे हे
हो काजर आंजन पलिक सजे हे
नथनी केत हरे हे
हो होंठ अधर के अधार वो मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार


अंतरा 3
हाथ के चुरी कंगन सोहे
कनिहा म करधन सोहे
हो ककनी बनुरिया मुंदरी सोहे
पांव म पैजन सोहे
हो गर मा हे झमकत हार वो मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
अंतरा 4
तोर भगत के आंखी ले तैं
तोर दरस ला कर ले
हो जाहिर बोले अरज अरज के
दरस दरस सुध हर ले
हो निज निज नव अवतार वो मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
हो साज के सोला ओ सिंगार
हो साज के सोला ओ सिंगार
बईठे हावस तरिया के पार ओ मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार
बईठे हावस तरिया के पार ओ मोर शीतला दाई
साज के सोला ओ सिंगार

 

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