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झूलना म वो दाई - दुकालू यादव | Jhulna Ma Wo Dai Lyrics | Dukalu Yadav Jas Geet

 झूलना म वो दाई 
Jhulna Ma Wo Dai Lyrics 
 Dukalu Yadav Jas Geet
 

  • गीत - झूलना म वो दाई
  • स्वर - दुकालू यादव
  • गीतकार -
  • संगीत - दुकालू यादव
  • प्रकार - छत्तीसगढ़ी जस गीत
  • लेबल - केके कैसेट

झूलना म झूलत हावै जम्मो इक्कीस बहिनिया

झूलना झूलावत हावै मोर लंगुरवा भैया

दुख सुख के झूलना म संसार झूलत हे

संसार झूलत हे 

कोनो हांसत हे कोनो रोवत हे

कोनो रोवत हे कोनो रोवत हे


स्थायी

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


ढेलवा गड़ा के डोर लगा के

ढेलवा गड़ा के डोर लगा के

भैया लंगुरवा झूलावत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


अंतरा 1

एक्कीस बहिनी के एके भाई लंगुरवा

एके भाई लंगुरवा वो एके भाई लंगुरवा

मया जगा के पिरीत बढ़ा के

मया जगा के पिरीत बढ़ा के

सबो बहिनी ला बुलावत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


अंतरा 2

ओरी पारी ओरी पारी सबो बहिनी ला

सबो बहिनी ला वो सबो बहिनी ला

मन भर झूला के चरण दबा के

मन भर झूला के चरण दबा के

झूलना म लंगुरे बईठारत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


अंतरा 3

झूलना म झूले मैया इक्कीस बहिनी

इक्कीस बहिनी वो इक्कीस बहिनी

सेउक बन के सेवा ला कर के

सेउक बन के सेवा ला कर के

भाई लंगुरवा हर्षावत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


अंतरा 4

भाई बहिनी के मया हावै भारी

मया हावै भारी वो मया हावै भारी

धनराज धन हे माता मगन हे

धनराज धन हे माता मगन हे

कोसरिया दर्शन ला पावत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म


ढेलवा गड़ा के डोर लगा के

ढेलवा गड़ा के डोर लगा के

भैया लंगुरवा झूलावत हे ना

झूलना म वो दाई झूलना म

मच मच के झूले झूलना म

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