सेवा में बाग लगाए
Seva Me Bag Lagaye Lyrics
Pachra Geet Lyrics
- गीत - सेवा में बाग लगाए
- स्वर - पं. युवराज पाडेय
- गीतकार - पारपरिक पचरा गीत
- लेबल - बोल कालिया
सेवा में बाग लगाए
लगाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए हो माँ
हस के उठे विहस के माता
जा चंदन पर ठाड भवानी
नीबु जटा जटा पे नरियर
आस पास नरियर के बारी
केकती केवड़ा सदा न सरवर
सरवर देखत हंस बिराजे
हंस म दाई के पहुना साजे
पहुना उपर दाई बिराजे
दाई के संग म भैरव साजे
भैरव संग लंगुर बिराजे
हे अंजस मंजस कुंज निवारे
धर्म ध्वजा लहराए
लहराए हो मैया
सेवा में बाग लगाए हो माँ
सेवा में बाग लगाए
लगाए हो मैया
सेवा में बाग लगाए हो मां