मैं भी तो एक संसारी हूं – कांतिकार्तिक | MAI BHI TO EK SANSARI HU LYRICS

मैं भी तो एक संसारी हूं
MAI BHI TO EK SANSARI HU LYRICS
SHIV BHAJAN LYRICS
  • गीत – मैं भी तो एक संसारी हूं
  • स्वर – कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार – कांतिकार्तिक यादव
  • संगीत – ओपी देवांगन
  • प्रकार – छत्तीसगढ़ी शिव भजन
  • लेबल – कोक क्रिएशन

स्थायी
भला बुरा हूं जो भी हूं
मैं भी तो एक संसारी हूं
सभी जीवों का जो उद्धार करे
उस महाकाल का पुजारी हूं

भला बुरा हूं जो भी हूं
मैं भी तो एक संसारी हूं
सभी जीवों का जो उद्धार करे
उस महाकाल का पुजारी हूं

देते बाबा आदेश
मिट जाते जग के कलेश
रह ना जाए कोई कामना शेष
कामना शेष कामना शेष

जब देते बाबा अपना आदेश
अपना आदेश अपना आदेश

अंतरा 1
जो हो विलीन शिव भक्ति में
मुक्ति का मार्ग वो पाया
मृत्यु को जीते है वो स्वयं
सब में वो ही अंश समाया

काल चक्र के राजा वो
महाकाल की अजब ही माया
मृत्यु ही जगत का सुन्दर सच
शिव ने तन भस्म रमाया

धन्य हुआ मेरा जीवन
अर्पण तुझको हैं ये मन
नही है कोई इर्ष्या द्वेष
इर्ष्या द्वेष इर्ष्या द्वेष इर्ष्या द्वेष

अब दे दो बाबा अपना आदेश
अपना आदेश अपना आदेश

अंतरा 2
संसार करे जो तिरस्कार
उसको भी वो अपनाते हैं
जब राह में पग पग काटे हो
वो राह को सुगम बनाते है

भक्त का निश्छल प्रेम देख वो
खुद ही दौड़े आते है
ना बंधे किसी भी रीत से वो
नई रीत सदा वो बनाते हैं

कांतिकार्तिक गाए मगन
महाकाल की लागी लगन
भगवा धारी सभी का वेश
सभी का वेश सभी का वेश

अब दे दो बाबा अपना आदेश
अपना आदेश अपना आदेश

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