भूख मया के Bhukh Maya Ke Lyrics – Vivek Sharma

भूख मया के

Bhukh Maya Ke Lyrics

  • गीत – भूख मया के
  • स्वर – पं. विवेक शर्मा
  • गीतकार – राजहंस भारद्वाज
  • संगीत – प्रफुल्ल बेहरा
  • म्यूजिक लेबल – सुन्दरानी

स्थायी
कोनो हे भूखे धन दौलत के
कोनो हे भूखे धन दौलत के
कोनो हा रूतबा पदवी के
कोनो हा रोवत अपन पाए बर हो
कोनो हा रोवत अपन पाए बर
भूख हे ओला मया के
भूख मया के हो भूख मया के

अंतरा 1
पति बिना जग सुन्ना होगे
छुट गे मया परिवार
मईके ससरे सबो हा टूटगे
होगे बिना आधार
दौलत के परदा आंखी म परगे
करथे अपन ला बिरान
खावत ठोकर जिनगी टूटगे
तज दिस अपन परान
हो भैया तज दिस अपन परान
जिनगी के रद्दा कहां ले जाही
का बिगरे बिन अपराध के
भूख मया के हो भूख मया के

अंतरा 2

दौलत के परदा आंखी म परगे
दौलत के परदा आंखी म परगे
करथे अपन ला बिरान ला बिरान
खावत ठोकर जिनगी टूट गे
तज दिस अपने परान
ओ भैया तज दिस अपन परान
जिनगी के रद्दा कहां ले जाही
जिनगी के रद्दा कहां ले जाही
का बिगारे बिन अपराध के
भूख मया के हो भूख मया के

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