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कहां लिए हो अवतारे Kaha Liye Ho Avtare Lyrics – Kantikartik Yadav

 

कहां लिए हो अवतारे
Kaha Liye Ho Avtare Lyrics
Kantikartik Jas Geet Lyrics

  • गीत - कहां लिए हो अवतारे
  • स्वर - कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार - पारंपरिक जस गीत
  • संगीत - ओपी देवांगन
  • प्रकार - छत्तीसगढ़ी जस गीत
  • लेबल - कोक क्रिएशन

Kaha To Mata Tor Anman Janman Lyrics 


कहां तो माता तोर अनमन जनमन
कहां लिए हो अवतारे
कहां तो माता तोर अनमन जनमन
कहां लिए हो अवतारे

हिंगुलाज तोर अनमन जनमन
मनकापुरी म अवतारे
हिंगुलाज तोर अनमन जनमन
मनकापुरी म अवतारे

हिंगुलाज चंदन एक बिरछा
जेखर पलंग बिछाए
हिंगुलाज चंदन एक बिरछा
जेखर पलंग बिछाए

पलंग छोड़ पलकी पर बईठे
देश रतनपुर आए
पलंग छोड़ पलकी पर बईठे
देश रतनपुर आए

अउ मंझवा गली म मटकी छबा के
घर घर बरूवा हो
बिहाए हो माता घर घर बरूवा हो
बिहाए हो माता घर घर बरूवा हो

हो तोर तो भुवन म हो
अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना
अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना
ये अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना

काहे कर दीयना काहेन लागे बाती
काहे कर तेल जलत हे सारी राती
सोन कर दीयना कपूर लागे बाती
सुरहिन के घीव म जलत हे वो सारी राती

हो तोर तो भुवन म हो
अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना
अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना
ये अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना

ये कोन तोर दीया जलाए भुवन म
कोन तोर वेद सुनाए
ये कोन तोर दीया जलाए भुवन म
कोन तोर वेद सुनाए

ये लंगुरे दीया जलाए भुवन म
ब्रम्हा वेद सुनाए
ये लंगुरे दीया जलाए भुवन म
ब्रम्हा वेद सुनाए

ये तोर तो भुवन म हो
अनलेखा वो माता दीयना जलत हे हां
ये अनलेखा वो माता दीयना जलत हे ना

ये मांघ महिना म मेला भराए
आवत सब नर नारी
ये मांघ महिना म मेला भराए
आवत सब नर नारी

ये नरियर लुगरा चुनरी धर के
खड़े हे तोर दुवारी
ये नरियर लुगरा चुनरी धर के
खड़े हे तोर दुवारी

ये छिन तो अंगुरिया के हो
दरश दे जा माता
ये छिन तो अंगुरिया के हो
दरश दे जा माता

ये तोर दरश बर सब कोई आवै
कोन शहर कोन गंवाई
ये तोर दरश बर सब कोई आवै
कोन शहर कोन गंवाई

ये भारत देश म हां परसिद्ध हस माता
ये भारत देश म हां

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