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आमा पान के पतरी 2 - Aama Pan Ke Patri 2 Lyrics - Dilip Shadangi, Anupama Mishra


आमा पान के पतरी
Aama Pan Ke Patri 2 Lyrics

  • गीत - आमा पान के पतरी 2
  • गीतकार - दिलीप षड़गी, अमीत प्रधान
  • स्वर - दिलीप षड़गी, अनुपमा मिश्रा
  • संगीत - दिलीप षड़गी
  • म्यूजिक लेबल - सुन्दरानी

छम छम पैरी बाजे खनखन तोरे कंगना वो
छम छम पैरी बाजे खनखन तोरे कंगना वो
रनबन नाचे अउ दुलरवा गावै अंगना वो

स्थायी
ये आमा पान के तोरण अउ फुले फुल के झुलना वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो
ये आमा पान के तोरण अउ फुले फुल के झुलना वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो

अंतरा 1
आगे नवराती चईत कुंवार के महिना वो
आगे नवराती चईत कुंवार के महिना वो
दुनिया रंगा गे तोर भगती के रंगे म वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो

अंतरा 2
रस्ता ला देखंत तोरे बंदत हंव बंदना वो
रस्ता ला देखंत तोरे बंदत हंव बंदना वो
सातो बहिनिया ला भी ले आबे तोर संग म वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो

ये आमा पान के तोरण अउ फुले फुल के झुलना वो
झुले बर झुपत झुपत आबे मोर अंगना वो

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