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मोर दुर्गा दाई ओ कण कण म तैं समाए - कांतिकार्तिक यादव | Kan Kan Ma Tain Samaye Lyrics | Kantikartik Yadav Jas Geet

मोर दुर्गा दाई ओ कण कण म तैं समाए
Kan Kan Ma Tain Samaye Lyrics
🌷New Jas Geet 2022🌷
    • गीत : मोर दुर्गा दाई ओ कण कण म तैं समाए
    • गायक : कांतिकार्तिक यादव
    • गीतकार : धनेंद्र भारती
    • संगीतकार : ओ पी देवांगन
    • लेबल : कोक क्रिएशन


स्थायी
मोर दुर्गा दाई ओ कण कण मा तै समाए
मोर दुर्गा दाई ओ कण कण मा तै समाए
जग ला रच के महामाई मोर
जग ला रच के महामाई मोर
जगत के जननी कहाए

अंतरा 1
नारी के ममता मा बसे तै अऊ सोला सिंगार मा
रूप हा तोरे सउहे समाये महातारी के दुलार मा
झरना के हर बुंद मा तै हर नंदिया के जल धार मा
रतिहा के तै अंजोर मा दाई अऊ दिन के उजियार मा
जुग जुग मा तै किसम किसम के 
जुग जुग मा तै किसम किसम के 
महिमा तोर देखाए

अंतरा 2
लहू के लाली रंग मा दाई कंठ के भाखा बोली मा
मया के फूलवा बन के समाये दुखियारिन के ओली मा
तीन लोक अऊ तीन भुवन मा तोर मूरत मन मोहे हे
अंतस के मोर मन मंदिर मा मोहनी मूरतिया सोहे हे
अंधन के नैनन मा दाई 
अंधन के नैनन मा दाई ज्योति तै हा जालाए

अंतरा 3
दया दान अऊ धरम करम हा तोर माया मा बंधाये हे
भगतन के भगती मा दाई तोर शक्ति हा समाये हे
मन मंदिर मा तै हा बसे हस अऊ तन के हर सांसा मा
तोर लईका मन तोला गोहारे दाई ओ तोरे आशा मा
कांतिकार्तिक नित नित माता
धनेन्द्र भारती नित नित माता तोरेच गुन ला गाए
जग ला रच के महामायी मोर 
जग ला रच के महामायी मोर 
जगत के जननी कहाए

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