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माटी के दीयना - Mati Ke Diyana Lyrics - Kantikartik Yadav Jas Geet

 

माटी के दीयना

Mati Ke Diyana Lyrics

Kantikartik Yadav Jas Geet

  • गीत - माटी के दीयना
  • स्वर - कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार - रामा लहरे
  • संगीत - ओपी देवांगन
  • प्रकार - छत्तीसगढ़ी जस गीत
  • लेबल - ओ पी देवांगन



स्थायी
माटी के दीयना दीयना म बाती
माटी के दीयना दीयना म बाती
बारंव दाई वो
तोर संवागा ए मोर मईया
आरती तोर उतारंव वो

अंतरा 1
हरियर पिंवरा लाल गुलाबी
सब रंग मैं हर लाने हंव
तोर अंगना म किसम किसम के रंगोली मैं सजाए हंव
माटी के कलसा कलसा म दीयना
बारंव दाई वो
तोर सेवा म ए मोर मैया आरती तोर उतारंग वो

अंतरा 2
नव दिन के नवरात ये दाई
जोत ला मैं हा जलाए हंव
तोर भुवना म जगमग जगमग
चारो कोती सजाए हंव
लाली दशमत लाली के चुनरी
लाली दशमत लाली के चुनरी
चढ़ावव दाई वो
तोर सेवा म ये मोर मैया आरती तोर उतारंव वो

माटी के दीयना दीयना म बाती
माटी के दीयना दीयना म बाती
बारंव दाई वो
तोर संवागा ए मोर मईया
आरती तोर उतारंव वो

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