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चिनहा हरंव महतारी के - कांतिकार्तिक | CHINHA HARAV MAHATARI KE LYRICS

 चिनहा हरंव महतारी के
CHINHA HARAV MAHATARI KE LYRICS
CG SONG LYRICS

  • गीत - चिनहा हरंव महतारी के
  • स्वर - कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार - ईश्वर साहू ‘बंधी’
  • संगीतकार - ओपी देवांगन
  • प्रकार - छत्तीसगढ़ी गीत
  • लेबल - कोक क्रिएशन


स्थायी

मैं महतारी भाखा पीरा ले कलरावत हंव अईसन

पर भाखा के तरे पौरी म रौंदावत हंव जईसन

मैं महतारी भाखा पीरा ले कलरावत हंव अईसन

पर भाखा के तरे पौरी म रौंदावत हंव जईसन


मोर शबद के पाना झरत हे

मोर शबद के पाना झरत हे

पतझड़ कस फूलवारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


अंतरा 1

दुसर के लिखना दुसर के पढ़ना दुसर के बोलना भावत हे

वाहा रे बेटा छत्तीसगढिया दाई केहे बर लजावत हे

मोला लिखईया मोला पढ़ईया मोला गुनईया अब नई हे

नंदा जाहूं एक दिन दुनिया ले जनत करईया अब नई हे

नंदा जाहूं एक दिन दुनिया ले जनत करईया अब नई हे


मोर उपर म जर खोभत हे

मोर उपर म नार चघत हे अंगरेजी बन झाड़ी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


अंतरा 2

गांव के मनखे ठेठ बोलईया अंग्रेजी म भूलावत हे

अरथ बदलगे मया नता के पर संस्कृती ला भावत हे

गांव गली के निमगा बोली भाखा आखर अब नई हे

भूला गे हे सब स्वाभीमान ला खुद के आकर अब नई हे

भूला गे हे सब स्वाभीमान ला खुद के आकर अब नई हे


मोर साहित ला घूना चरत हे

मोर साहित ला दियार चरत हे अंग्रेजी विस्तारी हे

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


अंतरा 3

दुसर के मन म नीच अउ हिनहा खुद ला तुमन देखावत हव

मौका आथे केहे बोले बर लाज म मुहु लुकावत हव

उठौ जागाव पांव उसालव मोला छोड़ावौ गुलामी ले

धोवौ मांजौ मोला सहेजव मोला निकालौ नाली ले

धोवौ मांजौ मोला सहेजव मोला निकालौ नाली ले


छत्तीसगढ़ी मुख सिंगारी

छत्तीसगढ़ी के चिन्हारी मैं भाखा हितकारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


मैं महतारी भाखा पीरा ले कलरावत हंव अईसन

पर भाखा के तरे पौरी म रौंदावत हंव जईसन

मैं महतारी भाखा पीरा ले कलरावत हंव अईसन

पर भाखा के तरे पौरी म रौंदावत हंव जईसन


मोर शबद के पाना झरत हे

मोर शबद के पाना झरत हे

पतझड़ कस फूलवारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के

मैं चाहत हंव मोला बचा लव 

चिनहा हरंव महतारी के


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