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सत सत नाम - दुकालू यादव | Sat Sat Nam Lyrics | Panthi Geet Lyrics

✳️सत सतनाम✳️
✴️Sat Sat Nam Lyrics✴️
 🌿Panthi Geet Lyrics 🌿

  • गीत - सत सत नाम 
  • स्वर - दुकालू यादव
  • गीतकार - तारा गुरूजी
  • संगीतकार - दुकालू यादव
  • एल्बम - सत के पुजारी
  • लेबल - केके कैसेट

स्थायी

सत सत नाम 

गुरू घासीदास के धर ले धियान

गुरू घासीदास के धर ले धियान


सत्यनाम के श्वेत हे झंडा 

ज्ञानी ध्यानी कईथे गा पंडा

सत्यनाम के श्वेत हे झंडा 

ज्ञानी ध्यानी कईथे गा पंडा

सत्य के गढ़े निशान

अंतरा 1

सत्यनाम ल सुमिरत रहिबे 

सुनबे गुरू के बानी जी

सत्य के रद्दा म रेंगत रहिबे

झन करबे मनमानी जी


चर दिनिया तोर ये जिनगी गा

हावै आनी जानी जी

निर्मल कर ले तोर तन मन ला

जस गंगा के पानी जी


मन मंदिर म बसे हावै गा

कसना प्रेम के कसे हावै गा

मन मंदिर म बसे हावै गा

कसना प्रेम के कसे हावै गा

गुरू मूरत भगवान

अंतरा 2

रटत जाबे सत्यनाम ल

सब के प्राण अधारा हे

तोर हमर सब के जिनगी के

उही एक सहारा हे


जईखाम में पालो चढ़ाबो

रंग सादा के नियारा हे

जुर मिल के हम सब रहिबो

बाटबो भाई चारा हे


ज्योत प्रेम के बाबा जलईया

बैर भाव हे गुरू भुलईया

ज्योत प्रेम के बाबा जलईया

बैर भाव हे गुरू भुलईया

गुरू ल तैं पहिचान

अंतरा 3

गुरू जगत में तारन तार हे

गुरू नाम ल जगाबो गा

गुरू कृपा ले सत्यनाम के

बाना ल सुन उचाबो गो


गुरू नाम के जोत ल संगी

घर घर म जलाबो गा

18 दिसंबर जनम दिन ल

सुग्घर आज मनाबो गा


कोसरिया तोर चरण पखारे

तारा तोरे आरती उतारे

कोसरिया तोर चरण पखारे

तारा तोरे आरती उतारे

गुण लेबे गुणवान


सत सत नाम 

गुरू घासीदास के धर ले धियान

गुरू घासीदास के धर ले धियान

सत्यनाम के श्वेत हे झंडा 

ज्ञानी ध्यानी कईथे गा पंडा

सत्यनाम के श्वेत हे झंडा 

ज्ञानी ध्यानी कईथे गा पंडा

सत्य के गढ़े निशान

गुरू घासीदास के धर ले धियान

गुरू घासीदास के धर ले धियान

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