- गीत : परेतिन दाई बोईर के
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : दास मनोहर
- संगीतकार : दुकालू यादव
- लेबल : केके कैसेट
चुरी पाठ चढ़ाथे तोला
परेतिन दाई तोर नाव के
जे घर में सुख सोहर होथे
छत्तीसगढ़ के गाँव गाँव में
दया मया बरसाबे दाई
झन आवै कभू अलहन
लोग लईका ल हंसावत रईबे
तोर अचरा के छांव में
तोर अचरा के छांव में
तोर अचरा के छांव में
स्थायी
ऐ लोग लईका ला झन तैं रोवाबे वो
लोग लईका ला झन तैं रोवाबे वो
ऐ परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के वो
परेतिन दाई बोईर के वो
मोरे लईका ला लईका बन खेलाबे वो
मोरे लईका ला लईका बन खेलाबे वो
ऐ परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के
अंतरा 1
ऐ लाली फिता कारी टोरा कंघी अऊ दर्पण
तोरे चरण मा दाइ्र हावै वो अर्पण
चूरी चाकी लेले दाई चना मुर्रा लाई
बड़ भाथे तोला परेतिन मोरे दाई
लाली घोड़वा म बईठे चले आबे वो
लाली घोड़वा म बईठे चले आबे वो
ऐ परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के
अंतरा 2
कर डारेव ठूवा ठउका नजर ला उतार के
बरत आगी म ऐदे मिरचा ला डार के
चिहूर चिहूर के नान्हे लईके के रावाई
छाती ला फोरे वो बड़ लागे करलाई
आधा रात होगे अब तो सोवाबे वो
आधा रात होगे अब तो सोवाबे वो
ऐ परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के
अंतरा 3
हीरा सही लईका मोरे हावै बड़ सुग्घर
सहै नई सके ऐहा बईरी के नजर
भगत कोसरिया संग दास मनोहर
आशीष मांगत हे देदे दाई वो तैं हर
रोवत लईका ला तही हा हंसाबे वो
रोवत लईका ला तही हा हंसाबे वो
ऐ परेतिन दाई बोईर के
परेतिन दाई बोईर के