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नव युग सिरजे मोर लिरिक्स - कान्तिकार्तिक यादव | Nav Yug Sirje Mor Lyrics | CG JAS GEET Lyrics

नव युग सिरजे मोर लिरिक्स 
Nav Yug Sirje Mor Song Lyrics in Hindi
  • गीत : नव युग सिरजे मोर
  • गायक : कांतिकार्तिक यादव
  • गीतकार : मौनी लाला
  • संगीतकार : ओपी देवांगन


नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना

रानी मैना के भाग हा जागे नांदे उमा फूल कैना
बीज तत्व हर शिव हरे जे पिंडी के रूप धरे ना
शिव शिवानी एक हरे गा विधि के जोग परे ना 
सरिस चराचर फूल फूलवारी सउहे दुनो हरे ना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना

हरिन बांस के साजेव मड़वा मड़वा में माई रहे ना
स्वासा ढेडहिन देव अंश हरे ओ जे सुख धाम बने ना
हाड म हरदी चाउंर चंदन पिढ़ली सुग्घर पघरे ना
सुग्घर सिंगरे माता उमा हा पुतरी अस सम्भरे ना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना

दन के बाजा बरतिया के जम्मो नाचे ठुमके ना 
मन मन गदके दुल्हा बपरा वाहन बईला हरषे ना
सात जनम के जांवर जोही सात भांवर मा बंधे ना
सात वचन के लेन देन हा लगन बिहाव हरे ना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना
नव युग सिरजे मोर नव युग सिरजे
सिरजे कुंवारी अउ कैना

जगरचना के सेती जग मा शिव के शिवानी हरे ना
सरीसार के नार बियार मा शिव ला सार कहे ना
लख चौरासी चिरई चिरगुन हरसे पडकी परेवना
कांतिकार्तिक मौनी लाला जस गा के सुमरे ना
कांतिकार्तिक मौनी लाला जस गा के सुमरे ना

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