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काहे के दीयना काहे के बाती - दुकालू यादव | kahe ke diyana dai lyrics | dukalu yadav jas geet

🌷काहे के दीयना काहे के बाती  🌷
Kahe ke Diyana Dai Lyrics | 
🌺Dukalu Yadav Jas Geet🌺

  • गीत : काहे के दीयना काहे के बाती
  • गायक : दुकालू यादव
  • गीतकार : दुकालू यादव 
  • संगीतकार : दुकालू यादव
  • एल्बम : उड जा रे पंछी मईया के दुवरिया 
  • लेबल : सुन्दरानी


दीया बरत जग जोत वो दाई
जगमग जग संसार मा
हरियर हरियर तोर फूलवारी
लाली जोत लिलार मा
तीन लोक अउ चौदह भुवन मे
ज्योति तोर बरत हे 
ब्रम्हा विष्णु अउ शिव शंकर
सब देवता दरस करत हे
सब देवता दरस करत हे

अंतरा 1 
काहे के दीयना दाई काहे के बाती वो

जगमग जगमग नव दिन जले

माटी के दीयना दाई पोनी के बाती वो

जगमग जगमग नव दिन जले

अंतरा 2
कउन बनाये दीयना कउन हा बाती वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

कुम्हरा बनाये दीयना पटवा हा बाती वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

अंतरा 3
काकर अंगना दाई काकर भुवना वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

बूढ़ी माई के अंगना दाई बूढ़ा देव के भुवना वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

अंतरा 4
चईत महिना दाई कुंवार महिना वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

संझा बिहिनिया दाई देखे मोर नैना वो

जगमग जगमग नव दिन जले

जगमग जगमग नव दिन जले

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