लंगुरे नई मानत हावै ओ – नीलकमल वैष्णव | Langure Nai Manat Hawe O Lyrics | Neelkamal Vaishnav Jas Geet | Mai Sringar

लंगुरे नई मानत हावै ओ  – नीलकमल वैष्णव
Langure Nai Manat Hawe O Lyrics 
    • गीत : लंगुरे नई मानत हावै ओ 
    • गायक : नीलकमल वैष्णव
    • गीतकार : नीलकमल वैष्णव
    • संगीतकार : प्रफुल्ल बेहरा
    • लेबल : आर के कैसेट


स्थायी
लंगुरे नई मानत हावै ओ
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ
(2बार)

अंतरा 1
मास असाड़ सुमन घन बरसे, बन बन बोलत मोरा
साड़ी पहिर के निकले ओ माता, मोहत चंन्द्र चकोरा 
मास असाड़ सुमन घन बरसे, बन बन बोलत मोरा
साड़ी पहिर के निकले ओ माता, मोहत चंन्द्र चकोरा 
लंगुरे रिसाई गे हे ओ
मना देबे माता लंगुरे रिसाई गे हे ओ
लंगुरे नई मानत हावै ओ 
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ

अंतरा 2
भादो के अंधियारी ओ माता, काल भयानक राते
बिजली चमके जिया मोरे धड़के, चमक उठे ममराते
भादो के अंधियारी ओ माता, काल भयानक राते
बिजली चमके जिया मोरे धड़के, चमक उठे ममराते
लंगुरे रिसाई गे हे ओ
मना देबे माता लंगुरे रिसाई गे हे ओ
लंगुरे नई मानत हावै ओ 
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ

अंतरा 3
सात हाथ मा शास्त्र बिराजे, आठवें खप्पर खाई
मुंड के माला पहिरे माता, काल बरन हो जाई
सात हाथ मा शास्त्र बिराजे, आठवें खप्पर खाई
मुंड के माला पहिरे माता, काल बरन हो जाई
लंगुरे रिसाई गे हे ओ
मना देबे माता लंगुरे रिसाई गे हे ओ
लंगुरे नई मानत हावै ओ 
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ
मना देबे माता लंगुरे नई मानत हावै ओ

Leave a comment

error: Content is protected !!